D'not add sexual abuse to religiousness : मजहबी इंसानियत की बेरुखी जात....

Now Stop Sexual Abuse 
दो दोस्तों ने मिल कर दस बीस लड़कीयों में से एक लड़की चुनी और कुछ रुपये दे कर उसे ख़रीद लिया।
हवस मिटा रात गुज़ार कर एक दोस्त ने उस लड़की से पूछा। तुम्हारा नाम क्या है
लड़की ने अपना नाम बताया तो वो भुन्ना गया। हम से तो कहा गया था कि तुम दूसरे मज़हब की हो” ?

लड़की ने जवाब दिया - उस ने झूठ बोला था
ये सुन कर वह दौड़ा दौड़ा अपने दोस्त के पास गया और कहने लगा। 

इस हरामज़ादे ने हमारे साथ धोका किया है…… हमारे ही मज़हब की लड़की थमा दी…….चलो वापिस कर आएँ



नोट : यह चंद अल्फाज तमाचा है उन लोगों के मुहं पर जो हैवानियत के इस रूप को मजहबी अमली जामा पहना देते हैं |

Source : सआदत हसन मन्टो 

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