Brahman Reservation by Congress : कांग्रेस एक तरफ दलित वोटों के जुगाड़ कर रही है तो दूसरी तरफ ब्राह्मण-आरक्षण का वादा...? क्या बकैती कर रहे हो बे...?

सियासी हवा कोक देखते हुए आरक्षण का लॉलीपॉप फेंकना कांग्रेस की पुरानी रणनीति रही है | धर्म के आधार पर आरक्षण की संवैधानिक मनाही के बावजूद वह पहले अपने नेतृत्‍व वाले राज्‍यों में मुसलमानों को आरक्षण का वादा करती रही है तो कहीं.....
देश में चुनावी मौसम जोर पकड़ रहा है | साल के अंत में तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष लोकसभा चुनाव होने हैं | देश की प्रमुख पार्टियों में सियासी बाजीगरी की निर्बाध प्रतियोगिता शुरू हो चुकी है | राहुल गांधी को कैलाश मानसरोवर से बुलावा आया तो रणदीप सुरजेवाला को ब्राह्मणों की चिंता सताने लगी है | राहुल गांधी का 'जनेऊदु‍निया को दिखाने वाले सुरजेवाला ने अब कांग्रेस के खून में ब्राह्मण समाज का डीएनए खोज लिया है | मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सुरजेवाला ने वादा किया यह भी कहा है कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो ब्राह्मणों को दस फीसदी आरक्षण देगी |
हमारे देश में एक परंपरा रही है जातीय सम्मेलनों की जिसका पालन हर जाति अपनी राजनीतिक सहूलियत के हिसाब से करता रहा है | 2 सितम्बर को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ब्राह्मण सम्मलेन का आयोजन किया गया था | जिसमें सभा को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस के नेता और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ब्राह्मणों को 10% आरक्षण देने का वादा किया | हरियाणा में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो ब्राह्मण विकास बोर्ड का गठन किया जायेगा जिसका अध्यक्ष किसी नामी ब्राह्मण को बनाया जायेगा | नरेंद्र मोदी की सरकार ने केवल ब्राह्मणों को ठगने का काम किया है | मोदी सरकार की वजह से ही आज ब्राह्मणों को संघर्ष करना पड़ रहा है |

ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए किया वादा कि सत्ता में आये तो देंगे 10 प्रतिशत आरक्षण ( फोटो - ANI ) 

दरअसल एससी-एसटी ऐक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मोदी सरकार के अध्यादेश के कारण सवर्णों में नाराजगी बढ़ गई है | क्या कांग्रेस और सुरजेवाला इस नाराजगी को अपने पक्ष में भुनाना चाहते हैं | कांग्रेस पार्टी सत्ता से ज्यादा दिन तक विदाई बर्दाश्त नहीं कर पाती है जिसके कारण तमाम हथकंडों का इस्तेमाल एक साथ किया जा रहा है | सवर्णों ने भारत बंद का एलान किया है इसलिए शायद कांग्रेस ने हवा का रुख भांपकर अपना स्टैंड बदल लिया है | लेकिन शायद कांग्रेस प्रवक्ता को ये नहीं पता है कि देश में सामाजिक हालत के अनुसार अगर आप ब्राह्मण को खुश करते हैं तो दलित नाराज हो जायेंगे और दलित को खुश करने जायेंगे तो ब्राह्मण नाराज हो जायेंगे | रणदीप सुरजेवाला अपनी ही स्थापित व्यवस्था के शिकार हो जायेंगे और इसका उन्हें अंदाजा भी नहीं होगा |
सुषमा स्वराज को सामने रखकर सुरजेवाला ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि हरियाणा से आने वाली ब्राह्मण नेता को नरेंद्र मोदी ने खूटी से टांग रखा है | मोदी सरकार को ब्राह्मण विरोधी बताकर कांग्रेस ब्राह्मण वोटों पर भाजपा की मोनोपोली को तोड़ना चाहती है | लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अपनी सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि के साथ- साथ अपने परंपरागत वोटों को भी साधना चाहती है | ब्राह्मण सम्मलेन उसी कोशिश का एक उदाहरण हो सकता है | अयोध्या आंदोलन से पहले ब्राह्मण कांग्रेस के कोर वोटर के रूप में जाने जाते थे | लेकिन जैसे- जैसे राम मंदिर का मुद्दा परवान चढ़ाब्राह्मणों का कांग्रेस से मोहभंग होता चला गया | देश में मंडल कमीशन की सिफारिशों के लागू होने के बाद जैसे राजनीतिक हालात बने उसको देखते हुए कांग्रेस ने भी ब्राह्मणों को लुभाने की कोई खास कोशिश नहीं की |

सियासी हवा कोक देखते हुए आरक्षण का लॉलीपॉप फेंकना कांग्रेस की पुरानी रणनीति रही है | धर्म के आधार पर आरक्षण की संवैधानिक मनाही के बावजूद वह पहले अपने नेतृत्‍व वाले राज्‍यों में मुसलमानों को आरक्षण का वादा करती रही है | हाल में गुजरात के पटेल आंदोलन में भी वह आरक्षण के वादे का सहारा लेकर वोटों की जुगाड़ करती दिखाई दी | पिछले कई वर्षों से दलित हितों के नाम सवर्णों की अनदेखी करती आई कांग्रेस अचानक ब्राह्मणों की हितैषी बन रही है |

अचानक ब्राह्मणों के मसीहा बनने का ख्याल कांग्रेस के दिल में आना चर्चा का विषय है लेकिन इतना तो तय है कि चुनावी साल में कांग्रेस और सुरजेवाला बिना किसी योजना के बड़े एलान तो नहीं करेंगे | ब्राह्मण समाज भले ही संख्या में कम हो लेकिन परंपरागत सत्ता के दम पर किसी भी चुनाव को प्रभावित करने की ताक़त रखता है | खैर चुनावी साल में ब्राह्मणों को साधने की कोशिश कांग्रेस के कितना काम आएगी और दशकों से से नाराज चल रहे ब्राह्मण समाज का आशीर्वाद कांग्रेस को मिल पायेगा या नहीं ये अभी भविष्य के गर्भ में है | फ़िलहाल कांग्रेस का ब्राह्मणों को लुभाने की कोशिश भारतीय जनता पार्टी के लिए एक नई राजनीतिक चुनौती पैदा कर सकता है |

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