प्रिय नरेंद्र मोदी जी,
दिनांक 28-जून-2018 देहरादून में सीएम दरबार में जनता मिलन कार्यक्रम
में फरियादियों की फरियाद सुनने का आयोजन ठेहराया गया था | जिसकी अध्यक्षता का
दारोमदार आपके छोटे भुला श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के कंधो पर था | कार्यक्रम में सदूर जनपद
उत्तरकाशी से एक शिक्षिका उत्तरापन्त बहुगुणा जी भी अपनी फरियाद के तौर पर सदूर उत्तरकाशी
जिले से अपनी तैनाती देहरादून करने हेतु अपनी बात रखने आयी थी | इस विषय में वे कई
बार सम्बंधित विभाग को चिठ्ठी लिखकर अपनी समस्या बता चुकी है कि उनके
बच्चे देहरादून में हैं और उनके पति की मौत हो चुकी है, इसी वजह से वे अपने बच्चों को
अकेले नहीं छोड़ना चाहती | अब उनके घर में कुछ भी नहीं बचा है क्योंकि सारा पैसा
पति के इलाज में लग गया था । उनकी पति की मौत के दौरान उनके सामने गृहसंबंधी कई
दिक्कतें आरही हैं | लेकिन विभाग ने उनकी फरियाद को सदैव नजरंदाज किया | वर्तमान
सरकार में ही नहीं पूर्ववर्ती सरकार में भी वे अपनी समस्याओं को लेकर सुर्ख़ियों
में थी |
हालांकि, इस समस्या से काफी समय त्रष्त शिक्षिका
द्वारा भी उपरोक्त विडियो गलत वाक्यबाणों का प्रयोग किया गया, जिसमें उन्होंने भरे दरबार में आपके
भुला को यह कहा कि- साले चोर उचक्के हैं, और आरोपों के बाणों से यह उनको शराब
माफिया की लानत उपाधि भी अदा की और रोते हुए अप्रत्यक्ष रूप से यह भी कहा कि उनके पति
को शराब पिला-पिलाकर इन शराब माफियाओं ने मार डाला था | उसके बाद उनको आपके भुला
के निर्देश पर हिरासत में लिया गया और थाने में ले जाया गया |
निष्कर्ष के तौर पर देखा जाये तो दो दशक से भी
अधिक सदूर दुर्गम स्थान पर तैनात शिक्षिका यदि अपने वृद्धा अवस्था में सुगम स्थान
और अपने गृह जनपद के नजदीक तैनाती चाहती हैं तो इसमें निवारण किया जा सकता है, भले
ही ऐसे कई शिक्षक-शिक्षिकायें यह चाहते हैं कि उनकी तैनाती दुर्गम क्षेत्र से सुगम
क्षेत्र में हो | लेकिन इस सन्दर्भ में उनके निजीस्वार्थ को अनदेखा कर उनकी मनोदशा,
उनकी समस्या और उनके परिवार प्रति सदौ-भाव रखना भी सरकार की जिम्मेदारी है |
आपके छोटे भुला, माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड त्रिवेन्द्र सिंह रावत की बुवारी और हमारी भाभी जी श्रीमति सुनीता रावत जी भी कई वर्षो से
अपनी इच्छानुसार सुगम क्षेत्र में हैं और भी बीजेपी-कांग्रेस में कई नेताओं और
मंत्रियों की बुवारियां, समधन, दीदी-भैजी, भुला-भूली आदि भी इच्छानुसार सुगम क्षेत्र
में हैं | शायद ही इक्का-दुक्का केस ऐसा होगा जहां हमारी भाभियां या अन्य पहाड़ों
में बच्चों का भविष्य उज्जवल कर रहे हैं |
क्या यह देहरादून जैसे सुगम क्षेत्र मात्र आप
लोगों के रिश्तेदारों की तैनाती के लिए हैं या आम लोगों के लिए भी...?
मुझे उम्मीद है कि उत्तरा पन्त बहुगुणा जी भी
अपने शब्दों के आपके भुला से माफ़ी मांगेगी, आप अपने भुला को इस प्रकार के अपवादित
शब्दों के लिए उचित दंड देंगे जिसमें उत्तरा पन्त बहुगुणा जी सुगम क्षेत्र में
तैनाती दी जाए और त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी की बुवारी को उत्तरा पन्त बहुगुणा जी की क्षेत्र में
तैनात किया जाए | यही उचित दंड होगा कि किसी उच्च पद पर रहकर फरियादी महिला का इस तरह अपमान करना |
साहेब, अब हम लोग एक दुसरे का दुःख-सुख बांटना सीख गये
हैं ऐसा ना हो कि 2019 के आम चुनाव आपको उत्तराखंड से हार सामना करना पड़े |
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