देश-विदेश में मसरूम लेडी नाम से विख्यात उत्तराखंड की दिव्या रावत ने बनाई दुनिया की सबसे महंगी कार्डिशिप चाय....

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दिव्या रावत को मिला राष्ट्रपति सम्मान 
सस्ते में चाय की चुस्कियों पर सार्थक वार्तलाप कर समय व्यतीत करना सबसे सुरस होता है क्योंकि हमारे देश में चाय की चुस्कियों पर चर्चा आम बात है | मगर जब चाय की चर्चा हो तो यह आम बात नहीं होती, क्योंकि चाय की कीमत यदि आप सुनोगे तो शायद आपकी होंठ जम भी सकते हैं |
हम आपसे ऐसे ही चाय की बात कर रहे हैं जिसके चर्चे उत्तराखंड की वादियों के साथ साथ देश भर में मशहुर हो गये हैं | देश-विदेश में विख्यात उत्तराखंड के पलायन पर युवाओं की प्रेरणा, मशरूम लेडी, मशरुम गर्ल कही जाने वाली और राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त दिव्या रावत और उनकी बिजनेस पार्टनर रितिका कांति ने देहरादून में राजपुर रोड स्तिथ एक होटल में एक ऐसी चाय का प्रमोचन किया जो रक्त संचार को बेहतर बनाती है और हार्ट अटैक जैसी रोगों से निजात दिलाती है | इस चाय की कीमत फ़िलहाल 10 दिन तक 400 रूपये कप रहेगी लेकिन इसके बाद इसकी कीमत 1000 रूपये प्याली हो जाएगी | विश्व के कई देशों में इस चाय का सेवन किया जाता है | दुनिया के कई बड़े पांच सितारा और सात सितारा होटलों में इसकी कीमत 1500 रूपये से 5000 या इससे अधिक है |
देश में कीड़ा-जड़ी की चाय का यह पहला अध्याय सामने आया है | कीड़ा-जड़ी की ब्रांडिंग कर उसे सारे मानकों में कसौटी में परखने के बाद इसको मार्किट में लाया गया है | इस चाय की कीमत फ़िलहाल 10 दिन तक 400 रूपये कप रहेगी लेकिन इसके बाद इसकी कीमत 1000 रूपये प्याली हो जाएगी | दिव्या रावत ने इस प्रोडक्ट (कीड़ा-जड़ी) को फ़िलहाल दो भागों में मार्किट में उतारा है, जिसमें 25 ग्राम की कीमत 6000 रूपये और 50 ग्राम की कीमत 11000 रूपये रखी गयी है | ( जानकारी - मनोज इस्टवाल जी, हिमालय डीस्कॉवर )   


प्रयोगशाला में की जाती है तैयार...

जिस कीड़ा-जड़ी और उसकी चाय का दिव्या रावत ने प्रमोचन किया है वह वैज्ञानिक तकनीकी से वातावरण तैयार कर प्रयोगशाला में बनाया जाता हैयह ज्यादातर हिमालयी क्षेत्रों में, जहां पेड़ उगने बंद हो जाते हैं वहां इसे खोजा जा सकता है | यह खासकर मई से जुलाई में जब बर्फ पिघलती है उस दौरान इसके पनपने का चक्र शुरू जाता है |

बरहाल यह पूरी तरह रासायनिक तौर पर तैयार की गयी है, मार्किट में आने के बाद ही इसके प्रभाव और दुष्प्रभाव पता लग सकेंगे  |

कार्डिशिप यानि कीड़ा-जड़ी (यारशागुंबा)...


कार्डिशिप यानि घरेलु भाषा में इसको कीडाजड़ी कहते हैं | सामान्य तौर पर अध्ययन किया जाये तो  ये एक तरह का जंगली मशरूम है जो एक ख़ास कीड़े की इल्लियों यानी कैटरपिलर्स को मारकर उस पर पनपता है | इस जड़ी का वैज्ञानिक नाम है कॉर्डिसेप्स साइनेसिस और जिस कीड़े के कैटरपिलर्स पर ये उगता है उसका नाम है हैपिलस फैब्रिकस | पहाड़ के स्थानीय लोग इसे कीड़ा-जड़ी कहते हैं क्योंकि ये आधा कीड़ा है और आधा जड़ी है और चीन-तिब्बत में इसे यारशागुंबा भी कहा जाता है |
कार्डिशिप यानि कीड़ा-जड़ी (यारशागुंबा)


कार्डिशिप चाय के फायदे...

कार्डिशिप यानि कीड़ा-जड़ी की चाय पीने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं | इससे यौवन शारीरिक शक्ति की बढ़ाती है, रक्त संचार को बेहतर बनाती है, ह्रदयरोगों के प्रभाव से निजात दिलाती है, सुगर की समस्या और फेफड़ो व किडनी के इलाज में इसे जीवन रक्षक माना गया है और भी अन्य आंतरिक रोगों से लड़ने में सहायक होती है | शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए चीनी एथलीटों को चीनी सरकार द्वारा यह मुहैया करायी जाती है |


Script  By : हिमांशु पुरोहित सुमाईयां  

  


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