बजट से पूर्व दूसरे संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समक्ष दून विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने पलायन का दर्द, रोजगार की चिंता, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य, सड़क और बुनियादी सुविधाओं की बेहतरी के एक से बढ़कर एक सुझाव दिए। इस बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने छात्र-छात्राओं के सुझाव न केवल सुने, बल्कि उन्हें नोट भी किया और आगामी बजट सत्र में शामिल करने का भरोसा भी दिलाया। इससे पूर्व उत्तरकाशी के गंगाणी में किसानों से पहला संवाद 'आपकी राय, आपका बजट 2018-19 में कृषि को लेकर उनकी राय मांगी गई थी।
संवाद सत्र की शुरुआत करते हुए दून विवि में मैनेजमेंट की छात्रा सुमन खत्री ने सुझाव दिया कि सरकार पर्वतीय इलाकों में आधारभूत ढांचा सुदृढ़ करें, ताकि बरसात के दौरान सड़कें बंद न हों। छात्र उज्ज्वल शर्मा ने आर्थिक तरक्की के लिए उत्तराखंड को गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की तर्ज पर देश-विदेशों के उद्यमियों को यहां आमंत्रित करने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि इससे उत्तराखंड की आय बढ़ेगी और रोजगार के अधिक अवसर भी पैदा होंगे। छात्र अंशुल भट्ट ने पहाड़ी क्षेत्रों की स्वास्थ्य सुविधा में सुधार की ओर सरकार का ध्यान खींचा। कहा कि पहाड़ों के अधिकतर अस्पतालों में डॉक्टरों के पद रिक्त हैं। रिसर्च की छात्रा डॉ. मनु शर्मा ने कहा कि स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन पर तो बेहतर कार्य हो रहा है। लेकिन, शहरी क्षेत्रों में यह उतना प्रभावी नहीं है, जिसे और बेहतर बनाना होगा। शालू राठी ने कहा कि फसल बीमा योजना को और अधिक प्रभावी बनाया जाए, ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें।
वहीं मैनेजमेंट की छात्रा साक्षी गुप्ता ने पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी को और अधिक विकसित करने पर जोर दिया। इससे पहले दून विवि के कुलपति प्रो. चंद्रशेखर नौटियाल ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने रखीं राज्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने छात्रों के सुझाव सुनने के बाद सरकार की भावी योजनाएं एवं नई नीतियों को छात्रों के सम्मुख रखा। जिनमें ये प्रमुख हैं-
- डेयरी सब्सिडी अभी 25 फीसद है, जिसे 10 फीसद बढ़ाकर 35 फीसद करने पर विचार किया जा रहा है।
- प्रदेश की सभी 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया गया है।
- दूरस्थ क्षेत्रों में संचार तकनीकी पहुंचाने के लिए आइआइटी बॉम्बे के साथ बैलून टेक्नोलॉजी के प्रयोग को लेकर एमओयू साइन किया गया है।
- पिरूल से बायोफ्यूल एवं तारपीन का तेल निकालने का समझौता आइआइपी से हुआ है।
- कॉलेजों में शत प्रतिशत प्रधानाचार्य एवं 93 फीसद अध्यापकों की नियुक्ति हो चुकी है।
- पिछले 10 महीने में एक हजार डॉक्टरों को पहाड़ भेजा गया है। 170 बांडधारी डॉक्टरों को पहाड़ भेजा गया है।
-सितंबर-अक्टूबर-2018 में उत्तराखंड इनवेस्टर समिट का आयोजन किया जाएगा।
- पिछले 11 महीने में राज्य सरकार बेदाग है। सरकार जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन के प्रति प्रतिबद्ध है।
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