आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31-जुलाई-2018 के बाद अगर आयकर रिटर्न भरते हैं, तो आपको 5000 रुपए तक पेनल्टी के तौर पर देने पड़ सकते हैं |
31 मार्च को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2017-2018 की आय दिखाने के लिए दाखिल किया जाने
वाला इनकम टैक्स रिटर्न या आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 है |
अर्थात,
रिटर्न
फाइल करने के लिए आपके पास चंद दिन शेष बचे हैं | अगर आपने अभी तक अपना ITR नहीं भरा है, और आप नहीं जानते कि कैसे रिटर्न दाखिल
करना है, तो इसमें मैं आपकी मदद कर सकता हूं | अमूमन देखा जाता है कि लोग अपना
रिटर्न भरने में ढिलाई बरतते हैं | जिसकी वजह से उन्हें अच्छी खासी पेनल्टी के साथ
रिटर्न भरना पड़ता है | आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख निकलने के बाद
अगर आप अपना आयकर रिटर्न भरते हैं, तो आपको 5000
रुपए तक पेनल्टी के तौर पर देने पड़ सकते हैं |
ऐसे में आपको ITR की बारीकी और रिटर्न फाइलिंग के तरीके बताते
हैं–
क्यों और किसके लिए भरना जरूरी है आयकर
रिटर्न?
सरकार द्वारा निर्धारित एक साल की अवधि
में हुई आपकी आय,
खर्च, निवेश और कर की देनदारी के लिखित
ब्यौरे को आयकर रिटर्न या इनकम टैक्स रिटर्न कहा जाता है
| आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार हर उस व्यक्ति को आयकर
रिटर्न भरना अनिवार्य है, जिसकी आय कर निर्धारण के योग्य है | अगर आपकी आय कर के दायरे में आती है, तो फिर आपको ITR भरना आवश्यक हो जाता है
|
Income Tax Return Last Date 31-July-2018 |
हालांकि, जिन लोगों की आय कर योग्य नहीं है, वह भी आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, लेकिन ये उनके लिए बाध्यकारी नहीं है | मतलब कि जिन लोगों की आय (सभी स्रोतों
से) 2.5 लाख रुपए से कम है, और फिर भी आप आयकर रिटर्न दाखिल करना
चाहते हैं, तो आपको जीरो आईटीआर भरना होगा
|
लोन इत्यादि के लिए यह बहुत जरूरी होता है | आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आयकर विभाग ने 7 तरह के आईटीआर फॉर्म जारी किए हैं
|
करदाता को इसमें से उसकी आय के स्त्रोत के अनुसार एक फॉर्म भरना होता है
|
बहरहाल, रिटर्न के लिए सबसे ज्यादा फॉर्म संख्या 1 होती है | यह सैलरी पाने वाले लोगों या हिंदू
अविभाजित परिवार (HUF) द्वारा
भरा जाता है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपए तक है
| इसके तहत अगर आपकी आय वेतन, पेंशन, प्रॉपर्टी के किराए या ब्याज से है, तो आपको ये फॉर्म भरना है |
अन्य रिटर्न फॉर्म की जानकारी के लिए
आप आयकर विभाग की वेबसाइट (www.incometaxindiaefiling.gov.in) पर जा सकते हैं |
यहां सावधानी बरतनी जरूरी है...
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अुनसार, मूल्यांकन वर्ष (असेसमैंट ईयर) 2018-19 के लिए कोई भी करदाता ई-फाइलिंग के
द्वारा आयकर रिटर्न फॉर्म भर सकता है | इसके लिए आपको आयकर विभाग के वेब
पोर्टल पर जाना होगा | इसके
अलावा आप किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट, टैक्स रिटर्न मददगार या इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर की सहायता से भी अपना
रिटर्न भर सकते हैं | वहीं कुछ ऐसी वेबसाइटस (Clear tax) भी हैं जो आपको रिटर्न भरने में मददगार है इतना ही नहीं, यहां से आप सीए (CA) की सुविधा भी ले सकते हैं
|
लेकिन, इससे पहले आपको कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है
|
मसलन, वेबसाइट पर अपना यूजर आईडी बनाते समय आप
इस बात का ख्याल रखें कि पासवर्ड स्ट्रांग हो | इसके अलावा कभी भी ई-फाइलिंग के दौरान
आप पब्लिक वाईफाई के इस्तेमाल से बचें | TAN, बैंक अकाउंट डीटेल व ई-मेल देते समय
सावधानी बरतें और गलती से बचें | बहरहाल, आयकर
विभाग की वेबसाइट पर आने के बाद आपको e-File Return लिंक पर जाना होगा
|
इसे क्लिक करते ही आप रिटर्न फाइल करने के पेज पर आ जाते हैं
|
जहां, आईटीआर अपलोड करने के लिए आपको कुछ
स्टेप बताए गए हैं |
कैसे फाइल करें ITR..?
यहां से या आप सीधे आयकर विभाग की
ई-फाइलिंग वेबसाइट Income tax India e-filing पर जा सकते हैं | वहां आपको सबसे पहले अपना रजिस्ट्रेशन
करना अनिवार्य है | इसमें आपकी पर्सनल जानकारी को भरना होता है
|
Income Tax Department e-Filing Web |
इसके बाद आप आयकर विभाग की वेबसाइट पर अपने ई-फाइलिंग अकाउंट में जाएं और 'अपलोड रिटर्न' पर क्लिक कर, आईटीआर फॉर्म में नाम, असेसमैंट ईयर भरें |
अब आपको एक्सएमएल फाइल भी अपलोड करनी
होगी और फिर 'सबमिट' बटन दबाएं | इसके बाद एक आईटीआर-वी (ITR-V) जनरेट होगा और टैक्स रिटर्न में दी गई आपकी
ई-मेल आईडी पर भी भेजा जाएगा | ये एक वेरिफिकेशन फॉर्म होता है
|
आपको इसे प्रिंट कर, साइन
करके आयकर विभाग को भेजना होता है | आखिर में आयकर विभाग आपको टैक्स रिटर्न की
प्राप्ति का एक एसएमएस और ई-मेल भेजेगा |
यहां देरी से बचें और जल्दी करें, नहीं तो लगेगा जुर्माना...
अगर आप तय समय यानी 31 जुलाई तक अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं
करते हैं, तो आपको पेनल्टी और ब्याज भी देना पड़
सकता है | अगर आखिरी तारीख के बाद कोई करदाता रिटर्न
फाइल करता है, तो उसे जुर्माना देना होगा
| नए नियमों के अनुसार, ऐसी स्थिति में आयकर की धारा 234(F) के तहत, यदि करदाता की आय 5 लाख रुपए या उससे कम है, तो उसे 1000
रुपए पेनल्टी के तौर पर देने होंगे | आय अगर 5 लाख रुपए से ज्यादा है, तो ये पेनल्टी बढ़कर 5,000 रुपए हो जाती है | वहीं, अगर यही करदाता अपना रिटर्न एक जनवरी से 31 मार्च 2019 के बीच भरता है, तो उसे 10,000
रुपए पेनल्टी देनी होगी | इसके
अलावा करदाता को आयकर की धारा 234 के तहत अपने कर पर ब्याज का भुगतान भी करना पड़ता है
|
इसलिए, अपना रिटर्न तय तारीख से पहले अवश्य जमा कर दें और देश के आर्थिक व्यवस्था को दुरुस्त करने हेतु सहयोग करें |
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